देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा देखा जा रहा है. अभी तक कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए कोई दवा सामने नहीं आई है. हालांकि कोरोना वायरस के मरीजों को फिलहाल मलेरिया के लिए इस्तेमाल होने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी जा रही है. वहीं गुजरात की तीन कंपनियां बड़ी मात्रा में इस दवा को तैयार करने वाली हैं.
कोरोना वायरस की दवा के लिए पूरी दुनिया में रिसर्च चल रहा है. हालांकि अभी कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल किया जा रहा है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए अब गुजरात की तीन फार्मा कंपनियां एक महीने में 25 टन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा बनाने की तैयारी कर रही हैं.
गुजरात की तीन फार्मा कंपनी कम वक्त के अंदर 12 करोड़ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की टैबलेट बनाने की क्षमता रखती हैं. गुजरात के फूड और ड्रग्स कमिश्नर हेमंत कोशिआ ने बताया कि गुजरात की तीन प्रमुख कंपनियां इस ड्रग्स के रॉ-मैटेरियल का उत्पादन भी करती हैं और उसी से दवाई का उत्पादन किया जाएगा.
इनमें प्रमुख कंपनी के तौर पर कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड अहमदाबाद, मंगलम ड्रग्स एन्ड ऑर्गेनिक लिमिटेड और वडोदरा की वाइटल लैबोरेटरी शामिल हैं. फिलहाल इन कंपनी के पास 19 लाख टैबलेट का स्टॉक है, जिसे सरकार खरीद रही है.
वहीं मंगलम ड्रग्स के पास इस दवाई का 14 से 15 दिन का प्रोडक्शन सायकल है. 20 से 25 दिनों में 1.5 टन हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन बन पाए उतना रॉ-मैटेरियल भी तैयार हैं. अब तक 200 किलो दवाई की पहली खेप तैयार हुई है. इसके अलावा कैडिला हेल्थकेयर में 15 अप्रैल तक 1000 किलो दवाई बन कर तैयार होगी. जबकि वाइटल में भी दवाई की मैन्युफैक्चरिंग जारी है.
वहीं, गुजरात की आरोग्य सचिव जयंति रवि ने बताया कि कोरोना वायरस के इलाज में कोरोना पॉजिटिव आए मरीजों को फिलहाल हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई दी जा रही है. इस दवाई के सकारात्मक नतीजे देखे गए हैं और कोरोना वायरस के मरीज ठीक भी हुए हैं.